Unexpressed Love
ख़ामोश थी जुबां लेकिन नज़ारा तो साफ थामचलती हुई आँखों में हर आंसू बेपाक थाकसमें तो वो खाती थी पर इरादा मेरा साफ थाचलते रहते थे उन संग उनके गलियारों में हम हँसती वो भी दिल से थी न मन हमारे पाप थातकल्लुफ़ हो न जाए उन्हें वज़ह ये नाचीज़ हो
गुऩाह हर उनका हमेशा नज़र में हमारी माफ़ था
अरुण
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