तुझे देखे हर बार हम, हर कुछ नया सा लगता है
हर ख्वाब तुझे पाकर अब, सच्चा सा लगता है
बादल बरसें घनघोर घटा में, घर अपना कच्चा सा लगता है
भीग के मौसम में ऐसे, दिल अभी भी बच्चा सा लगता है
तुझे देखे हर बार हम, हर कुछ नया सा लगता है
क्यारी फूलों वाली अक्सर, यहाँ पर महका करती हैं
मदमस्त चालों वालीं अक्सर, यहाँ पर बहका करती हैं
खिला ये बाग तुझसे है, जली ये आग तुझसे है
रहते अब होश तुझमें हैं, मेरा अब जोश तुझमें है
जानकर आज सब कुछ भी, कुछ शेष सा लगता है
तुझे देखे हर बार हम, हर कुछ नया सा लगता है
पथिक ये राह है भूला, प्रकृति की गोद में झूला
मुसाफिर हर राह का अक्सर, मुझे था देख कर फूला
संग में साथ तेरा था, अरे वो ही तो हाथ मेरे था
जमाना जान लेगा अब, हरा हर बाग मेरा था
बिन तेरे देश भी मुझे, प्रदेश सा लगता है
तुझे देखे हर बार हम, हर कुछ नया सा लगता है
हर ख्वाब तुझे पाकर अब, सच्चा सा लगता है
बादल बरसें घनघोर घटा में, घर अपना कच्चा सा लगता है
भीग के मौसम में ऐसे, दिल अभी भी बच्चा सा लगता हैतुझे देखे हर बार हम, हर कुछ नया सा लगता है
क्यारी फूलों वाली अक्सर, यहाँ पर महका करती हैं
मदमस्त चालों वालीं अक्सर, यहाँ पर बहका करती हैं
खिला ये बाग तुझसे है, जली ये आग तुझसे है
रहते अब होश तुझमें हैं, मेरा अब जोश तुझमें है
जानकर आज सब कुछ भी, कुछ शेष सा लगता है
तुझे देखे हर बार हम, हर कुछ नया सा लगता है
पथिक ये राह है भूला, प्रकृति की गोद में झूला
मुसाफिर हर राह का अक्सर, मुझे था देख कर फूला
संग में साथ तेरा था, अरे वो ही तो हाथ मेरे था
जमाना जान लेगा अब, हरा हर बाग मेरा था
बिन तेरे देश भी मुझे, प्रदेश सा लगता है
तुझे देखे हर बार हम, हर कुछ नया सा लगता है
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